कालिम्पोंग

गोर्खाल्यान्ड जोइन्ट एक्सन कमिटी का अध्याय आज से समाप्त हुआ। मोर्चा मुद्दा प्रति कभी भी इमान्दार नहीं था । मंगलवार  22 अक्टोबर मोर्चा जिटिए में वापस जाने के दिन को हम महाधोका के दिन मानेगे । भारतीय गोर्खा परिसङ्घ गोजएक से आज से बहार हो गया हे । आज उक्त बाते  भागोप राष्ट्रिय कार्यकारी अध्यक्ष डा. एनोसदास प्रधान ने एक पत्रकार सम्मलेन में उक्त कारण दिखाते हुए गोजएक विफल होने का दाबी सहित भागोप कमिटी से बाहर होने की घोषणा किया हे । भागोप कार्यालय में आज संपन्न हुए पत्रकार सम्मेलन में डा. प्रधान ने मोर्चा जिटिए में वापस जाने को समस्त जाति से पुनः बिश्वाशघात करने का आरोप लगाया हे। भागोप कमिटी होने के औपचारिक पत्राचार ज़ल्द ही करेगा । मोर्चा के साथ शुरू से विश्वास नहीं रहने के चलते ही आज तक गोर्खाल्यान्ड टास्क फोर्स को जीवित रखने की बात प्रधान ने बताया । इसके साथ ही गोजएक के साथ सम्मिलित अन्य घटक दल भी ज़ल्द कमिटी त्याग्ने की आशा भागोप ने व्यक्त किया हे । अलग राज्य गोर्खाल्यान्ड के माग को निरन्तरता देने के लिए गोटाफो को नयाँ रूप देने की जानकारी देते हुए प्रधान ने कहा की अब आञ्चलिक तथा राष्ट्रिय डालो को सम्मिलित कर गोटाफो को विघटन कर राष्ट्रिय जोइन्ट एक्सन कमिटी फर गोर्खाल्यान्ड के व्यानर में आन्दोलन को निरन्तरता देने की बात भागोप ने तय किया हे । 17 से 19 डिसम्बर तक दिल्ली में सम्पन्न होने जा रहे गोर्खा राष्ट्रिय भेला में इसका औपचारिक घोषणा किया जा सकता हे । गठन होने जा रहे नए कमिटी में सम्मिलित होने के लिए भागोप ने पाहाड के विभिन्न राजनैतिक एवं गैरराजनैतिक दल के साथ सम्पर्क बना रखा । डा. प्रधान ने गोजएक से बाहर होने के और भी कई प्रमुख कारण आज सार्वजनिक किया हे । उनके अनुसार गोजएक ने कभी भी स्वतन्त्र रूप में काम नहीं कर सका। गोजएक मोर्चा प्रायोजित था । शुरू के दिन में संपन हुए सर्वदलीय बैठक में ही जिटिए विफल होने की घोषणा करते हुए मोर्चा ने उपयुक्त समय में इसको ख़ारिज करने की बात पर सहमति बना था । पर आज आकर मोर्चा किस कारण से जिटिए में वापस आया वो अस्पष्ट होने की बात डा. प्रधान ने कहा । मोर्चा ने जिटिए को ख़ारिज करने का अपना वचन पूरा नहीं किया । आज किस कारण वे जिटिए में वापस गए ? के मोर्चा के माग अनुसार सभासद् एवं कार्यकर्ता जेलमुक्त हुए ? के जिटिए को और क्षमतावान बनाया गया ? के जिटिए में और अधिक पैसा आया ?’-डा.प्रधान ने आज प्रश्न उठाया हे । मोर्चा प्रमुख विमल गुरुङ ने आज तक सभासद् के इस्तीफा नहीं देने के चलते अब जिटिए चिफ के पद में समेत विमल गुरुङ ही होने की शंका भागोप ने व्यक्त किया हे गरेका । मोर्चा को चुनोती देते हुए प्रधान ने आज से एक हप्ता के अन्दर ही जिटिए के आधिकारिक बैठक बूलाकर गोर्खाल्यान्ड प्रस्ताव ग्रहण करने की माग दोहोराया हे। आज के वर्तमान परिस्थिति में गोर्खाल्यान्ड विरोधी शक्ति दिनो दिन बड़ने के अवस्था होने के चलते ऐसे शक्तियो से जनता को होशियार रहने का आह्वान प्रधान ने किया । उनहोने आगे बताया की मोर्चा ने 23 अक्टोबर के दिन केन्द्र सरकार ने त्रिपक्षीय वार्ता बुलाने की घोषणा करते हुए आन्दोलन को वापस लिया था पर वास्तव मे मोर्चा ने जिटिए मे रेहने का मन बना चुका था एव् उक्त परिस्थिति को ड्क्ने के लिये ही मोर्चा ने वार्ता का बहाना बनाने का आरोप उन्होने लगाया हे । मोर्चा के घोषणा अनुरूप आज त्रिपक्षीय वार्ता क्यो नही हुआ उक्त कारण मोर्चा को स्पष्ट करने कि मांग भागोप ने किया हे ।