कालिम्पोंग
क्रांतिकारी कम्युनिस्ट पार्टी (क्रामाकपा) आंचलिक समिति के सदस्यों ने गोरखालैंड के समर्थन में पर्चे बांटे।आंचलिक समिति अध्यक्ष किशोर प्रधान एवं सचिव मोहन पौड्याल ने पर्चे बांट लोगों को गोरखालैंड का महत्व बताया। पर्चे में लिखा गया है कि एक शताब्दी से अधिक समय से भारत में रह रहे गोरखाओं की पहचान एवं राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा अहम है। समुदाय पर विदेशी होने का लांछन लगाया जाता है। जन आंदोलन समझौता तक पहुंचकर रह गया है। जनता को दिग्भ्रमित किया जा रहा है। क्रामाकपा विभिन्न राज्यों में जाकर गोरखालैंड के पक्ष में समर्थन जुटाता आ रहा है। नेतृत्व की कमी से जनता की त्याग एवं बलिदान और आत्मदाह से भी अलग राज्य का गठन नहीं हो सका है। आदोलन रास्ते से भटक गया है। इस बाबत मोहन पौडयाल एवं किशोर प्रधान ने कहा कि किन गलतियों की वजह से गोरखालैंड का गठन आज तक संभव नहीं हुआ है मंथन का विषय है। क्रामाकपा गोरखालैंड छोड़ अन्य किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं है। यह अस्मिता की लड़ाई है।