कालिम्पोंग

आज कालिम्पोंग में एक बिमारी व्यक्ति के मृत्यु के घटना को केन्द्र करते हुए यहाँ के सुपर मार्किट में स्तिथ एक प्राइभेट क्लिनिक में तोडफोड की घटना सामने आया हे । बिरामी की हालत गंभीर होने के बाद भी क्लिनिक के डाक्टर अन्य बिरामी को जाचंने में लगे रहने के चलते उक्त बिमारी की मृत्यु होने का आरोप मृत के परिवार ने लगाया हे । घटना आज करीब 11.30 की हे । घटना अनुसार मन्सोङ काश्येम से 63 वर्षीय राम तामाङ डाक्टर अली के यहाँ जाच कराने के अपने बेटे बहु के साथ यहाँ के सुपरमार्केट मे अवस्थित उनके निजी क्लिनिक मे लाये गये थे। पर उक्त क्लिनिक में नाम दर्ज करना पड़ता हे इस कारन बिरामी के नाम सूचि २३ में पड़ा ,आमतौर में क्लिनिक का वक्त १० बजे से सुरु होता हे पर आज ही डाक्टर ११.३० बजे पहुचे इस बिच उक्त पीड़ित परिवार ने एक दफे बीमारी व्यक्ति को सेवा सदन अस्पताल भी ले गये पर वह डाक्टर नहीं मिले बाद में एक गाड़ी में उक्त पीड़ित करीब एक घंटे तक आराम करता रहा पर इस बिच परिवार ने डाक्टर को फ़ोन में संपर्क करके जानकारी देना चाहा ,डाक्टर अपने क्लिनिक में आये एक रोगी के उपचार किया एवं दुसरे नम्बर के रोगी के उपचार करने के क्रम ही ही उक्त बीमारी व्यक्ति ने मैं रोड में गाड़ी के दो तीन दफे खून की उलटी कर दिया एवं इसको देख स्तानीय चालको ने बीमारी व्यक्ति को तुरंत डाक्टर के पास उठाकर ले जाने के क्रम ही ही उस व्यक्ति ने दम तोड़ दिया । जिसके बाद क्लिनिक के बहार जमी हुए भेद में से कुछ लोगो ने डा. अली के क्लिनिक पर धावा भोल दिया एवं क्लिनिक में काच के कुछ सामानों के साथ तोडफोड किया । इस बिच पास में स्तिथ पुलिस स्टेशन से पुलिस के सभी अधिकारी घटना स्थल में पहुच कर घटना को नियंत्रण में लाया । मृतक राम तामाङ के बेटे सागर तामाङ ने बताया की उनके पिता पिछले १५ दिनों से अस्वस्थ थे इस बिच उन्होंने कई दफे कालिम्पोइङ्ग के बिभिन डाक्टरों से पिता की जाच कराया पर बीमारी नियंत्रण में नहीं आया एवं रात को भुखार ज़्यादा होने के बाद परिवार ने आज उनको जाच करने के लिये कालिम्पोंग डा. अली के पास 10 बजे लाया पर डाक्टर सही समय में नहीं मिल सकने के चलते करीब एक घण्टा तक उनके पिता को एक मारुती गाड़ी में मेन रोड में रखना पड़ा। घटना के बाद । घटना स्थल में थाना प्रभारी अचिन्त गुप्ता लगायत टोली ने घटना के निरीक्षण कर माहोल एवं स्थिति को सामान्य करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए कालिम्पोंग महकमा अस्पताल भेज दिया । इस घटना पर  डा. अली ने कहा की उनको उक्त बीमारी व्यक्ति सीरियस होने की जानकारी नहीं था। खून की उलटी करने के बाद जब मृतक को क्लिनिक में लाने के क्रम में उनको जानकारी मिलने के बात भी डाक्टर ने कहा । इस बिच के सवाल भी लोगो ने उठाया हे की सीरियस हालत में आखिर क्यों परिवार पक्ष ने पीड़ित को अस्पताल नहीं लेजर एक क्लिनिक में लेजाया जहा नाम के की उपकरण हे । पुलिस घटना के जाँच कर रहा हे तो पर खबर लिकने तक दोनों पक्ष से कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं किया गया हे ।